गिलहरी
बड़ी प्यारी सी एक गिलहरी।
चिक -चिक करती एक गिलहरी।
चुपके से आँगन में आती।
कुट-कुट खाती एक गिलहरी।
फुर- फुर से आती फुर हो जाती।
फिर-फिर आती एक गिलहरी।
हरदम रहती, आती जाती।
करती कितना काम गिलहरी।
भोली -भाली, प्यारी- प्यारी।
जादू सी लगती एक गिलहरी।
पर है डरती भागा करती।
रहती चौंकन्नी एक गिलहरी।
अपने बच्चों को प्यार से पाले।
शिकारी कौवे से परेशान गिलहरी।
आती-जाती, आती-जाती।
पर पास न आती एक गिलहरी।
बड़ी प्यारी सी एक गिलहरी।
चिक -चिक करती एक गिलहरी
रचनाकार
दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।
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