कलाम जी और शिक्षा
कितनी भी अर्थ गरीबी हो, निज उर को गरीब मत करना।
कष्ट अनेकों हो जग पथ पर, फिर भी शिक्षा पहले चुनना।।
मानव जीवन है जो पाया, तो संघर्षों से क्या घबराना।
सूझ बूझ से आगे बढ़कर, जीवन का सत फर्ज निभाना।
द्वेष दर्प के भवसागर में, कभी नहीं तुम साथी फँसना।
कष्ट अनेकों हो जग पथ पर, फिर भी शिक्षा पहले चुनना।
अर्थ गरीबी सहकर देखो, कलाम ने परचम लहराया।
धनी ज्ञान के बनकर देखो, अस्त्र मिसाइल प्रबल बनाया।
भोजन, कपड़ा चिंता छोड़ी, पर ना छोड़ा पुस्तक पढ़ना।
कष्ट अनेकों हो जग पथ पर, फिर भी शिक्षा पहले चुनना।
हासिल कर सत शिक्षा कलाम, शिक्षा महत्व जगत बतलाया।
कर के समाज सेवा अनुपम, उच्च राष्ट्रपति पद भी पाया।
शिक्षा होती आधार मनुज, सत्य सदा ही यह उर गुनना।
कष्ट अनेकों हो जग पथ पर, फिर भी शिक्षा पहले चुनना।।
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