आओ मिलकर होली मनाएँ

रंग में भंग न मिलने पाए,

पापड़ -गुझिया हम बनाएँ।

कीचड़ - मिट्टी से रहें दूर,

सबको ये बात हम समझाएँ।


आओ मिलकर होली मनाएँ।।


फूल - पत्ती से रंग बनाएँ,

प्रीत का नीर इसमें मिलाएँ।

छोड़ कलह, ईर्ष्या और द्वेष,

सबको प्रेम से गले लगाएँ।


आओ मिलकर होली मनाएँ।।


नेह रस की फुहार बरसाएँ,

पेड़ों को कटने से बचाएँ।

खिल उठे पशु - पक्षी, नर - नारी,

जीवन उपवन को हम सजाएँ।


आओ मिलकर होली मनाएँ।।


स्वच्छता संदेश फैलाएँ,

सुंदर - सलोना देश बनाएँ।

मधुर नेह रस का करें पान,

इंसानियत का धर्म निभाएँ।


आओ मिलकर होली मनाएँ।।


रचनाकार
रुखसाना बानो,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय अहरौरा,
विकास खण्ड-जमालपुर,
जनपद-मीरजापुर।

Comments

Total Pageviews