अजन्मे बच्चे का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस
हर अजन्मे बच्चे का, सम्मान हो,
गर्भपात की भयावहता की रोकथाम हो।
गर्भाधान से अप्राकृतिक मृत्यु तक,
प्रत्येक बच्चे का, प्राकृतिक उत्थान हो।।
प्रतिवर्ष, 25 मार्च को,
'अजन्मे बच्चे का विश्व दिवस' मनाया जाता है।
पैदा होने के अधिकार के प्रति
समाज में, जागरूकता लाया जाता है।।
अल सल्वाडोर में, पहली बार 1993 में,
'पैदा होने का अधिकार' उत्सव मनाया गया।
पोप जाॅन पाॅल द्वितीय के शासनकाल में,
जीवन के पक्ष में एक विकल्प बताया गया।।
यह एक ऐसा दिन है जिसे,
गर्भपात के खिलाफ अपनाया गया।
मानवीय गरिमा, सम्मान की गारंटी देकर,
विभिन्न धर्मों द्वारा समर्थित बनाया गया।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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