आज आप सेवानिवृत्त हो गए

कई वर्षों की विद्यालयों को सेवा देकर

आज आप सेवानिवृत्त हो गए

अनगिनत बच्चों के जीवन में

खुशियों के फूल खिला  गए

ऊँचे-ऊँचे पदों की

वो बच्चे शान बढ़ा रहे हैं

आपकी अथक मेहनत के कारण सब सम्मान पा रहे हैं

बिखरे-बिखरे फूलों को

एकत्र कर गुलदस्ता बनाया

कुम्हार की तरह नित कार्य कर

सर्वगुण संपन्न बनाया

अपने ज्ञान और ममता के जल से

सींचकर सुंदर वृक्ष बनाया

पा जाएँ सब अपनी मंजिल

इतना उन्हें  योग्य बनाया

मंजिल तक जाने में उनकी

आई होंगी जो मुश्किलें

उन काँटों  भरी राहों पर भी तो

चलना आपने सिखलाया

फूलों संग काँटों से भी मिलना

जो पड़े कठिन राहों पर भी चलना

वह हौसला आपसे ही पाया

कुछ पा चुके हैं अपनी मंजिल

कोई राही हैं बने हुए

विद्यालय की बगिया के

यह फूल है विविध रंग लिए

उच्च पदों पर आसीन हो

आपकी मेहनत को सफल बना रहे हैं

हम भी चले आपके पद चिन्ह पर

यह आशीष दे कर जाना

शुभकामनाएँ हैं हम सबकी

जहाँ भी रहें आप सब

हमेशा सुखी जीवन ही पाना।


रचयिता

दीपा कर्नाटक,
प्रभारी प्रधानाध्यापिका,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय छतौला,
विकास खण्ड-रामगढ़,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।

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