विश्व हृदय दिवस

चलो हँसें और सबको हँसाएँ,

जग में हम मुस्कान फैलाएँ।

लम्बी-लम्बी हम साँसें खींचें

हवा में तेज ठहाके लगाएँ।।


चिंता अपनी हवा में उड़ाओ

तनाव मुक्त जीवन बिताओ।

नियमित योग, कसरत करो,

संतुलित भोजन अपनाओ।।


हृदय में भरो, भाव का खजाना,

द्वेष भाव तुम, मन से बिसराना। 

खुश  रहो  और  खुशियाँ बाँटो,

हृदयाघात को तुम दूर भगाना।।


कितना भी हो जिम्मेदारी का बोझ 

खुश रहने की तुम करना खोज। 

पैदल चलो और रोज दौड़ लगाओ,

अपने हृदय को पम्प करो तुम रोज।।


मुस्कान का तुम संचार फैलाओ,

सुखमय जीवन  सबका  बनाओ।

हृदय रोग  ना,  कभी तुम्हें  छुएगा,

जीवन अपना सरल-सहज बनाओ।।


चीनी-नमक को कम ही खाओ,

धूम्रपान  को  अब भूल  जाओ।

दिनचर्या  करो  नियमित  तुम्हारी,

कुछ ऐसे 'विश्व हृदय दिवस' बनाओ।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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