टपका का डर

कक्षा-2
विषय-हिन्दी
पाठ-टपका का डर

दादी का छप्पर है टपका,
टप  -टप- टप  -टप- टप -टप
बड़ा पुराना दादी का छप्पर
बरस रहा था पानी
छप -छप -छप -छप
दादी को था भात पकाना,
पर पानी है टपके
टप -टप -टप‌‌ -टप-टप -टप
एक बड़ा बाघ  था आया,
जो  मन में  था घबराया
चुपके से घर के पीछे आया
छुप -छुप -छुप -छुप -छुप -छुप
पर दादी को गुस्सा आया
दादी ने जैसे चिल्लाया,
बाघ से बड़ा तो, ये टपका का डर?
डर - डर - डर - डर - डर - डर
फिर डरा बाघ, मन में घबराया
भागा फिर वह,
 सरपट सरपट सरपट
रख कर अपने सर पर डर
दादी का छप्पर टपके है
टप‌‌- टप -टप -टप-टप -टप।।

रचनाकार
दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।

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