१६३- डॉ० उमा सिंह पू०मा०वि० हारीपुर नवीन, झंझरी, गोण्डा

मित्रों आज हम आपका मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अथाह सागर में उपस्थित लाखों अनमोल रत्नों के बीच से एक और अनमोल रत्न बहन डॉ० उमा सिंह जी जनपद- गोंडा से परिचय करा रहे हैं।
बेसिक शिक्षा की सरकारी नीतियों का शायद यह भी एक असहयोगी कारण है कि किसी रत्न को उपयुक्त जगह देकर बेसिक शिक्षा के उत्थान के लिए उसका सही उपयोग न कर पाना। हमने देखा है और अनुभव किया है कि बेसिक शिक्षा में हजारों अनमोल रत्न है लेकिन  उनका उपयोग वैसे ही हो रहा है जैसे हीरा, नीलम, पुखराज को लोहे के छल्ले में जड़ना। क्योंकि इन अनमोल रत्नों पर विभाग अपनी नीतियों के अनुसार विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी दे नहीं सकता है और जिन्हें दे सकता है  उनमें से अधिकतम अपनी वरिष्ठा के बोझ से बेसिक शिक्षा में सकारात्मक सोच के साथ परिवर्तन का विचार भूल चुके होते हैं।
आज हम आप सबके सामने मिशन शिक्षण संवाद की खोजशाला से ऐसी ही अनमोल रत्न बहन जी को खोज कर लाये हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और साहित्यिक जीवन से न सिर्फ बेसिक शिक्षा के माध्यम से विद्यालय में शिक्षा को चार चाँद लगाये है बल्कि साहित्य के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर गोंडा की रानी के रूप में मशहूर हुई हैं।
तो आइये जानते हैं बहन डॉ० उमा सिंह जी के अनुकरणीय जीवन के प्रेरक प्रयासों पर एक रिपोर्ट:-


साहित्य के साथ बच्चों के लिए बन रही प्रेरणा का स्रोत बहन डॉ० उमा सिंह (स०अ०) पू०मा०वि० हारीपुर नवीन, झंझरी, गोण्डा।
दर्जनों देशों में युवा साहित्यकार के रूप में पुरस्कृत होकर गोण्डा सहित देश का मान बढ़ा चुकी जनपद के नवीन झंझरी पूर्व माध्यमिक विद्यालय हारीपुर के अध्यापिका डा० उमा सिंह ने अपने प्रयासों से बच्चों के सामने एक नया आकाश खोल दिया है, बच्चों को अपने स्तर से स्टार चाइल्ड पुरस्कार, निबन्ध, भाषण कहानी काव्य पुरस्कार, चित्रकला मीना मंच पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही अभिभावक सम्पर्क और मातृ सम्मेलन जैसे सराहनीय कार्यो से बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ाने के साथ ही उन्हें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित कर रही है। इतना ही नहीं डा० उमा िंसह ने पर्यावरण, योग के साथ नाट्य मन्चन और मीना मंच के द्वारा बच्चों को जागरूक करने का भी कार्य किया है, नृत्य अभिनय का कौशल, प्रार्थना में नवाचार के साथ खेलकूद में भी बच्चों की प्रतिभा को निखारने का कार्य किया, इसके साथ-साथ मासिक बाल समाचार पत्र निकालना भी अपने आप में एक सराहनीय कार्य रहा है।
डा० उमा सिंह ने शिक्षा के साथ-साथ साहित्य में भारत सहित मलेशिया, इण्डोनेशिया, दोहा, जर्मनी, स्लोवाकिया, चेकेस्लोवाकिया, हंगरी, आस्ट्यिा द्वारा पुरस्कृत हो गोण्डा के साथ-साथ भारत का विश्व पटल पर एक अलग मुकाम बनाने में सराहनीय योगदान दिया है। इन्होनें काव्य भारती, सृजन साहित्य, साहित्य गौरव, युवा उपन्यासकार, कन्या शिक्षा सम्मान सहित अन्य कई पुरस्कारों को अपनी झोली में डाल देश को गौरवान्वित होने का अनेकों अवसर प्रदान किया है।
साभार: डॉ० उमा सिंह
पू० मा० विद्यालय हारीपुर नवीन,
झंझरी, गोण्डा।
मित्रों आपने देखा कि यदि ऐसे अनमोल रत्नों को किसी विद्यालय को संचालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी मिली हो तो वह  विद्यालय के विकास में निश्चित ही चहुँमुखी परिवर्तन कर दिखाने में सक्षम होगें।
मिशन शिक्षण संवाद की ओर से बहन डॉ० उमा सिंह जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ_
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
04/07/2017
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