ये मेरा शरीर है-शैक्षिक कविता
आओ बच्चों तुम्हे बताये, शरीर की रचना का ढंग,
इसमे कुछ बाहरी होते, कुछ होते हैंआन्तरिक अंग ।
आओ जानें सबसे पहले बाहरी अंगों को हम,
बाहरी अंग वो होते है जिनको देख सकें हैं हम।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।।
इसमे कुछ बाहरी होते, कुछ होते हैंआन्तरिक अंग ।
आओ जानें सबसे पहले बाहरी अंगों को हम,
बाहरी अंग वो होते है जिनको देख सकें हैं हम।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।।
इनमें भी कुछ होते खास, जिनकी गिनती होती पांच,
त्वचा जीभ व नाक कान आंख, इनको कभी न आये आंच।
ज्ञानेन्द्रिया कहते हैं इनको, क्योंकि इनसे होता ज्ञान,
वस्तुओं के गुण को हम इनसे ही लेते हैं पहचान ।।
त्वचा जीभ व नाक कान आंख, इनको कभी न आये आंच।
ज्ञानेन्द्रिया कहते हैं इनको, क्योंकि इनसे होता ज्ञान,
वस्तुओं के गुण को हम इनसे ही लेते हैं पहचान ।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है-2
आन्तरिक अंग तो वो होते हैं, ऐसे न दिखते जो हमको
कंकाल तंत्र क्या होता है आओ बतलायें हम तुमको ।
छाता बनाने के लिए जैसे जरूरी हैं तीलियां ।
कंकाल तंत्र के लिए भी वैसे ही जरूरी हैं हड्डियां ।।
कंकाल तंत्र क्या होता है आओ बतलायें हम तुमको ।
छाता बनाने के लिए जैसे जरूरी हैं तीलियां ।
कंकाल तंत्र के लिए भी वैसे ही जरूरी हैं हड्डियां ।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है -2
कुछ आन्तरिक अंग, बहुत मुलायम होते हैं।
हड्डियों के ढाँचे को कंकाल तंत्र हम कहते हैं।।
कंकाल तंत्र की हड्डियों से, सुरक्षा इनकी होती है।
पूरे शरीर में हमारे 206 हड्डियां फैली होती हैं।।
हड्डियों के ढाँचे को कंकाल तंत्र हम कहते हैं।।
कंकाल तंत्र की हड्डियों से, सुरक्षा इनकी होती है।
पूरे शरीर में हमारे 206 हड्डियां फैली होती हैं।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है -2
आओ बच्चों आगे जानें, फेफड़ों के बारे में ।
श्वांस नली के माध्यम से वायु जाती है इनमें।।
जैसे फेफड़े वायु से ऑक्सीजन गैस को लेते सोख ।
वैसे ही कार्बन डाई आक्साइड को ये बाहर देते फ़ेंक।।
श्वांस नली के माध्यम से वायु जाती है इनमें।।
जैसे फेफड़े वायु से ऑक्सीजन गैस को लेते सोख ।
वैसे ही कार्बन डाई आक्साइड को ये बाहर देते फ़ेंक।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है-2
छाती पर जब बायीं तरफ तुम रखकर देखो अपना हाथ ।
सोचो- सोचो कहाँ से आई धक -धक-2 की आवाज।।
यहाँ पर है हृदय हमारा जो करता रक्त का संचार ।
पूरे एक मिनट में दिल धड़कता है 72 बार ।।
सोचो- सोचो कहाँ से आई धक -धक-2 की आवाज।।
यहाँ पर है हृदय हमारा जो करता रक्त का संचार ।
पूरे एक मिनट में दिल धड़कता है 72 बार ।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है -2
अब थोड़ा सा दिमाग लगाओ, भोजन पचता है कैसे।
दांतों ने जब ख़ूब चबाया, भोजन मिल गया लार से।।
पहले पहुँचा आमाशय में, आमाशय से फिर छोटी आंत ।
छोटी आंत में पिसते पिसते, पहुँचा अब वह बड़ी आंत।।
दांतों ने जब ख़ूब चबाया, भोजन मिल गया लार से।।
पहले पहुँचा आमाशय में, आमाशय से फिर छोटी आंत ।
छोटी आंत में पिसते पिसते, पहुँचा अब वह बड़ी आंत।।
ये मेरा शरीर है,ये मेरा शरीर है -2
इस शरीर की क्रियाओं से दूषित पदार्थ भी बनते हैं।
गुर्दे इनको खून से छानने का काम करते हैं।।
सेम के बीज की आकृति के दो गुर्दे होते हैं।
साफ पानी ख़ूब पियो तो गुर्दे स्वस्थ रहते हैं।।
गुर्दे इनको खून से छानने का काम करते हैं।।
सेम के बीज की आकृति के दो गुर्दे होते हैं।
साफ पानी ख़ूब पियो तो गुर्दे स्वस्थ रहते हैं।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है -2
हमारे शरीर के अंग जो भी काम करते हैं।
मस्तिष्क के निर्देशन में सारे काम होते हैं।।
पढ़ने लिखने में खर्च बहुत होता है दिमाग।
मस्तिष्क है शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग।।
मस्तिष्क के निर्देशन में सारे काम होते हैं।।
पढ़ने लिखने में खर्च बहुत होता है दिमाग।
मस्तिष्क है शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है-2
यह शरीर एक मशीन है जो करती है बहुत से काम।
सन्तुलित आहार लेकर इस मशीन का रखो ध्यान।।
दौड़ो भागो खेलो कूदो, थोड़ा कर भी लो तुम व्यायाम।
लेकिन इतना ध्यान रहे, इसको भी देना तुम आराम।।
सन्तुलित आहार लेकर इस मशीन का रखो ध्यान।।
दौड़ो भागो खेलो कूदो, थोड़ा कर भी लो तुम व्यायाम।
लेकिन इतना ध्यान रहे, इसको भी देना तुम आराम।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।।
ये मेरा शरीर है, ये मेरा शरीर है।।
रचयिता
ऋचा मौर्य
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय नयागाँव,
विकास खण्ड - शाहाबाद,
जनपद - हरदोई
ऋचा मौर्य
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय नयागाँव,
विकास खण्ड - शाहाबाद,
जनपद - हरदोई
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