अपना सौरमण्डल
अण्डे जैसी अपनी धरती।
सूरज का चक्कर है करती।।
एक बात की बांधो गांठ।
ग्रहों की संख्या होती आठ।।
आओ मन में कर लें सुध।
सबसे छोटा ग्रह है बुध।।
बच्चों सूरज है एक तारा।
बड़ा ग्रह बृहस्पति है प्यारा।।
शुक्र ग्रह सबसे चमकीला।
पृथ्वी को कहते ग्रह नीला।।
एक बतानी और है बात।
कैसे होता है दिन रात।।
पृथ्वी धुरी पे घूमा करती।
संग में सूर्य परिक्रमा करती।।
जिधर रौशनी पड़े हो,प्रात।
शेष जगह पर होती रात।
रचयिता
अजीत शुक्ल
सहायक अध्यापक
प्रा0वि0-तड़ौरा
वि0क्षे0-साण्डी
जनपद-हरदोई
सूरज का चक्कर है करती।।
एक बात की बांधो गांठ।
ग्रहों की संख्या होती आठ।।
आओ मन में कर लें सुध।
सबसे छोटा ग्रह है बुध।।
बच्चों सूरज है एक तारा।
बड़ा ग्रह बृहस्पति है प्यारा।।
शुक्र ग्रह सबसे चमकीला।
पृथ्वी को कहते ग्रह नीला।।
एक बतानी और है बात।
कैसे होता है दिन रात।।
पृथ्वी धुरी पे घूमा करती।
संग में सूर्य परिक्रमा करती।।
जिधर रौशनी पड़े हो,प्रात।
शेष जगह पर होती रात।
रचयिता
अजीत शुक्ल
सहायक अध्यापक
प्रा0वि0-तड़ौरा
वि0क्षे0-साण्डी
जनपद-हरदोई
Superb काफी अच्छी रचना है इस विषय पर जो भी महत्वपूर्ण जानकारी छोटे बच्चों को चाहियें उन्हें सुर ताल के साथ आप समाहित कर सके इसके लिए बधाई हो
ReplyDeleteमेहनत सफल हुई है
बहुत ही बेहतरीन रचना की है आपने भाई...धन्य हैं आप..👌👌👌👌
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना की है आपने भाई...धन्य हैं आप..👌👌👌👌
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteखेल खेल में रोचक जानकारियाँ प्रदान करती सहज , सुन्दर कविता 👍👍👍
Excellent poem
ReplyDeleteNice friend.......You are a good personality....Nice work...
ReplyDeleteQuite rhyming n easy..too Good
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