एक पाती

होने वाली है गर्मियों की छुट्टी

इसलिए लिखी है मैंने यह चिट्ठी

छुट्टियाँ खूब धूम धाम से मनाना

पर जो पढ़ा है उसे जरूर दोहराना

ऐसा न हो जब तुम वापस आओ

खुद को बस एक शून्य में पाओ

कुल्फी चुस्की चाहें खूब चखना

एक पेज सुलेख जरुर लिखना

सभी से करना अच्छे से मेल मिलाप

पर भूल न जाना तुम गुणा और भाग

बड़ी मेहनत से तुम्हें निपुण बनाया है

सर्वेक्षण और DBT से समय चुराया है

लक्ष्य अभी और भी है बाकी 

तुम मत आना होकर खाली

अब हम मिलेंगे जून के महीने में,

भयकर गर्मी चिप चिपाते पसीने में,

बढ़ते पारे को तुम और न बढ़ाना।

छुटियाँ खूब धूम धाम से मनाना,

पर जो पढ़ाया है उसे जरूर दोहराना।।


रचयिता

मनीषा सिंह,

सहायक अध्यापक,

कंपोजिट विद्यालय सुरेहरा,

विकास खण्ड-एत्मादपुर,

जनपद-आगरा।



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