४२८~ बंशी लाल (प्रधानाध्यापक) प्रा०वि० घरवासीपुर, वि०खं०- धाता, जनपद- फ़तेहपुर (उ०प्र०)

       🏅अनमोल रत्न🏅

💁🏻‍♂️मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद फ़तेहपुर के अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई बंशी लाल जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, बेजोड़ मेहनत और लगनशीलता के द्वारा अपने विद्यालय को क्षेत्र के श्रेष्ठ विद्यालय के रूप में स्थापित किया। जहाँ अपने बच्चों के नामांकन के लिए अभिभावक लालायित रहते हैं और यहाँ पर अपने पाल्यों को शिक्षा प्राप्त करते हुए गौरवान्वित महसूस करते हैं।


💁🏻‍♂️ आइये देखते हैं इनके द्वारा विद्यालय की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों एवं उनकी सफ़लता के लिए नवीन विधाओं को-

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👉1. शिक्षक परिचय:-
बंशी लाल (प्रधानाध्यापक) प्रा०वि० घरवासीपुर, वि०खं०- धाता
जनपद- फ़तेहपुर (उ०प्र०)

प्रथम नियुक्ति- 25/11/2008
वर्तमान नियुक्ति- 02/03/2015

👉2. विद्यालय की समस्याएँ:-
●A. विद्यालय प्रांगण में जलभराव
●B. न्यून नामांकन
●C. शौचालय की समस्या
●D. छात्र ठहराव की समस्या
●E. अराजक तत्वों का अतिक्रमण
●F. विद्यालय समयोपरान्त प्रांगण में जुआरियों का जमावड़ा
●G. पेयजल की समस्या
●H. परिवेश शैक्षिक गतिविधियों के अनुकूल न होना
●I. ब बच्चों का समय से विद्यालय न आना
●J. छात्र उपस्थिति का काम होना
●K. व्यक्तिगत स्वच्छता का अभाव
●L. छात्रों की कमज़ोर शैक्षिक स्थिति
●M. अभिभावकों व ग्रामीणों का अपेक्षित सहयोग न मिलना
●N. अध्यापकों की कमी
●O. जर्जर भवन व टूटी फर्श

👉3. समस्याओं का समाधान:-
🥀A. विद्यालय प्रांगण में गड्ढ़े थे जिससे जलभराव की समस्या बनी रहती थी। इस समस्या से निज़ात हेतु ग्राम प्रधान से लगातार सम्पर्क स्थापित कर मिट्टी पुराई का कार्य किया गया और स्वयं के खर्च से समतलीकरण कराया गया।
🥀B. विद्यालय में कम नामांकन की समस्या थी। ग्राम सभा में 2 प्राइवेट विद्यालय संचालित थे जिसके कारण नामांकन की समस्या थी। इसके लिए मैंने शैक्षिक स्तर को बेहतर किया और नामांकन रैली, स्कूल चलो रैली, जन्मोत्सव समारोह, नामांकन मेला जैसे कार्यक्रमों का बेहतर संचालन किया और इन सब से दोनों प्राइवेट विद्यालय से बच्चे हमारे विद्यालय में आने लगे और अंततः वो दोनों विद्यालय बन्द हो गए और परिणामस्वरूप विद्यालय में नामांकन बढ़ गया।
🥀सत्रवार विद्यालय का नामांकन-
सत्र नामांकन
2014-15 92
2015-16 108
2016-17 116
2017-18 122
2018-19 203
2019-20 257








🥀C. हैण्डपम्प खराब होने के कारण पेयजल की समस्या थी। बार- बार ग्राम प्रधान एवं सचिव से सम्पर्क एवं प्रयास के बाद रिबोर हो सका। बाद में मैंने स्वयं के ख़र्च से समर्सिबल पम्प लगवाया। जिससे पेयजल की उत्तम व्यवस्था हो सकी। इसके बाद शासन द्वारा दी गयी राशि से हैंडवॉश का निर्माण करवाया गया।
🥀D. विद्यालय में शौचालय ख़राब होने के कारण बच्चों को शौचालय की समस्या थी। इसके लिए भी ग्राम प्रधान एवं खण्ड विकास अधिकारी से सम्पर्क कर कायाकल्प द्वारा आदर्श शौचालय व मूत्रालय का निर्माण करवाया।
🥀E. बच्चों का विद्यालय में ठहराव काम हो रहा था। इसके लिए मैंने सर्वप्रथम वृक्षारोपण, फूलपत्ती, गमले, रंगाई पुताई आदि से सौंदर्यीकरण कराया। खेलकूद की उत्तम व्यवस्था की। विद्यालय के भौतिक संशाधनों को निवेश द्वारा पूरा किया तथा नवाचारों का प्रयोग करके शिक्षा देना प्रारम्भ किया। शिक्षा में गतिविधि एवं आईसीटी का प्रयोग भी किया गया। जिससे प्रभावित होकर बच्चों का विद्यालय में ठहराव सुनिश्चचित हुआ।
🥀F. विद्यालय में अराजक तत्वों का अतिक्रमण था। सरसों, तिल्ली, बाजरा, धान आदि के सुखवाने के लिए विद्यालय भवन का प्रयोग किया जाता था। कूड़ा करकट विद्यालय प्रांगण में ही डालते थे। स्वयं व अध्यापकों की सहायता से विद्यालय को अतिक्रमण मुक्त कराया।
🥀G. विद्यालय समय के बाद जुआरियों का जमावड़ा रहता था। इनके अतिरिक्त ग्रामीणों द्वारा चहारदीवारी लांघकर विद्यालय में जंगलों व खिड़कियों, दरवाजों, फ़र्श आदि की तोड़फोड़ भी की जाती थी। इसके लिए स्वयं ग्रामीणों के बीच जाकर उनसे लगातार समझाकर विद्यालय उनके लिए है, समझाया करता था। इससे ये समस्या समाप्त हो गयी।
🥀H. विद्यालय परिवेश शैक्षिक गतिविधियों के अनुकूल नहीं था। इसके लिए स्वयं के पैसे से 230 गमले रखवाए व उसमें फूल लगवाए, वृक्षारोपण, सजावटी फूल लगवाए। इस प्रकार विद्यालय को आकर्षक व सुन्दर बनाया। विद्यालय परिसर को स्वच्छ व सुन्दर बनाया।
🥀I. छात्र विद्यालय में समय से उपस्थित नहीं होते थे। इसके लिए घर-घर जाकर अभिभावकों से सम्पर्क करके समझाया और बच्चों को समय से विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया, जिससे बच्चे समय से विद्यालय आने लगे।
🥀J. छात्रों की दैनिक उपस्थिति नामांकन के सापेक्ष कम रहती थी। इसके लिए भी मैंने स्वयं अभिभावकों की प्रत्येक माह मीटिंग, व घर जाकर सम्पर्क किया व उनका मोबाइल नम्बर लेकर बच्चों की अनुपस्थिति पर फोन द्वारा उनसे सम्पर्क करना प्रारम्भ किया। धीरे- धीरे यह समस्या समाप्त हो गयी। बाल संसद के बच्चों को जिम्मेदारी देकर व विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों को मुहल्लेवार जिम्मेदारी देकर बच्चों की उपस्थिति लगभग 90%की गई।
🥀K. छात्रों का शैक्षिक स्तर कमज़ोर था। जिसपर मैं और मेरे सहायक अध्यापक पूर्ण रूप से मेहनत करते हुए, खेल-खेल में शिक्षा, अभिनय, नैतिक शिक्षा, नवाचार, टीएलएम, आईसीटी, गतिविधि, प्रोजेक्ट कार्य आदि के माध्यम से बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाया गया। साथ ही कमज़ोर बच्चों को अलग से जीएलपी के माध्यम से अधिगम स्तर प्राप्त किया गया।
🥀L. छात्रों में स्वच्छता की कमी को स्वयं प्रार्थना स्थल में स्वचछता से लाभ हानि पर चर्चा करके स्वच्छता से सम्बन्धित अभिनय करवाकर तथा स्वच्छता से सम्बंधित कहानियाँ सुनाकर तथा बच्चों को निःशुल्क टाई बेल्ट आईकार्ड देकर प्रोत्साहित करके स्वच्छ किया गया।
🥀M. ग्रामीणों व अभिभावकों के अपेक्षित सहयोग हेन्तु नियमित मासिक बैठक करके व सदस्यों को प्रशिक्षित एवं घर-घर जाकर सहयोग हेन्तु प्रेरित करके विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित करके ग्रामीणों व अभिभावकों का सहयोग प्राप्त किया।
🥀N. विद्यालय भवन की फ़र्श अत्यधिक टूटी फूटी थी। बच्चों को बैठने में परेशानी होती थी। स्वयं कुछ मरम्मत कराया व ग्राम प्रधान व सचिव से सम्पर्क व निवेदन करके कायाकल्प कार्यक्रम द्वारा प्रत्येक कमरे में टाइल्स लगवाया गया। विद्यालय में इंटर लॉकिंग का कार्य भी कराया गया। इससे विद्यालय चमकने लगा। विद्यालय भवन की सुंदरता से भी बच्चे आकर्षित हुए जिससे ब बच्चों का नामांकन बढ़ा।
🥀O. 257 बच्चों के सापेक्ष कुल 3 अध्यापक हैं। इस समस्या का समाधान आजतक नहीं हो पाया है।

👉4. विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक व खेलकूद गतिविधियाँ:-
विभिन्न जयन्तियों व पर्वों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समस्त बच्चों की सहभागिता निर्धारित करके खेलकूद जैसे-कबड्डी, खो-खो, रस्सीकूद, लूडो, कैरम बोर्ड, सांपसीढी, लम्बीकूद, ऊँचीकूद आदि खेलों के माध्यम से भी खेल खेल में शिक्षा प्रदान किया जाता है।

👉5. विद्यालय व बच्चों की उपलब्धियाँ:-
A. नामांकन B. औसत उपस्थिति
2014-15- 92 50%
2015-16- 108 70%
2016-17- 116 75%
2017-18- 122 80%
2018-19- 203 86%
2019-20- 257 88%
🥀C. खेल कूद की विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कार

👉6. शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
🏅आदर्श शिक्षक सम्मान व पुरस्कार
🏅उत्कृष्ट विद्यालय पुरस्कार
🏅अंग्रेजी माध्यम में विद्यालय का चयन (2018-19)
🏅खेलकूद रैली में अच्छे प्रदर्शन करने का सम्मान व पुरस्कार
🏅आत्यधिक नामांकन का पुरस्कार (2019-20)

👉7. मिशन शिक्षण संवाद के लिए सन्देश:-
मिशन शिक्षण संवाद अध्यापकों के लिए बहुत ही लाभकारी मंच है जिससे अध्यापक विभिन्न गतिविधियों के द्वारा स्वयं व अन्य अध्यापक से सीखकर बच्चों के शिक्षण को रुचिपूर्ण व प्रभावशाली बनाते हैं।

👉8. शिक्षक समाज के लिए सन्देश:-
मैं चाहूँगा कि सभी शिक्षक इस मिशन के द्वारा कुछ सीखें और बच्चों में इसे परिणित करें तथा जो खुद कुछ नया करें उसे इसमें साझा करें जिससे अन्य लोग भी सीखें और बच्चों को सिखाने का प्रयास करें।

9. संकलन एवं सहयोग:-
बबलू सोनी
टीम मिशन शिक्षण संवाद फ़तेहपुर।
08-04-2020

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