४२९~ सचिन सक्सेना (इ०प्र०अ०) उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंगरौरा, विकास क्षेत्र- सालारपुर, जिला- बदायूं, उत्तर प्रदेश

       🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बदायूँ से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई सचिन सक्सेना जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच एवं समर्पित व्यवहार से बेसिक शिक्षा के लिए चमत्कार कहा जाने वाला कार्य कर दिखाया। क्योंकि पिछले कुछ दसकों से बेसिक शिक्षा की अनेकों समस्याओं के बीच सबसे बड़ी समस्या थी बच्चों का सरकारी विद्यालय के नाम से लगातार पलायन करने की स्थिति। जिसे आपने न सिर्फ समाधान कर दिखाया बल्कि हम सभी के लिए अनुकरणीय कार्य कर दिखाया, जिससे विद्यालय की संख्या आज 25 छात्रों से बढ़कर 180 छात्रों तक हो गयी। जो समाज के लिए विश्वास, बच्चों के लिए आकर्षण एवं हम सभी के लिए गर्व और गौरव की बात है। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से विद्यालय परिवार को सादर नमन के साथ उज्जवल भविष्य की कामनाओं के लिए बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!




आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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1-शिक्षक परिचय:
सचिन सक्सेना (इ०प्र०अ०)
उच्च प्राथमिक विद्यालय सिंगरौरा, विकास क्षेत्र- सालारपुर, जिला- बदायूं, उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति-08/12/2001
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति-21/05/2012

👉2- विद्यालय की समस्याए-
● क- नामांकन बहुत कम मात्र 25 छात्र छात्राएं।
● ख- विद्यालय का भौतिक परिवेश बहुत ही दयनीय
● ग- सामुदायिक सहभागिता का अभाव
● घ- विद्यालय में पेड़ पौधे, हरियाली का अभाव

👉3- विद्यालय की समस्या का समाधान:-
"मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर।
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया।।"

🥀क - विद्यालय में नामांकन कम होने का मुख्य कारण विद्यालय के प्रति लोगों का जुड़ाव न होना और गांव‌ के अधिकांश बच्चे प्राइवेट विद्यालय में जाते थे। इसके लिए सर्वप्रथम बच्चों के अभिभावकों को जागरूक किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि अब विद्यालय को शिक्षा का मन्दिर बनाने में आप सभी के सहयोग से हम कामयाब होंगे। माह मई- 2012 में विद्यालय का कार्य भार ग्रहण किया। तब अकेला ही था और लगातार प्रयास करने पर जब जुलाई में नवीन नामांकन शुरू हुआ तो अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिला और छात्र संंख्या दुगनी हो गई और मेरा होंसला चौगुना। गांव के प्राइवेट विद्यालय में नामांकित अधिकांश बच्चे नाम कटाकर मेरे विद्यालय में आते चले गए और कुछ ही वर्षों में वह विद्यालय भी बन्द हो गया। आज आसपास के 6 गांव के बच्चे विद्यालय में अध्ययनरत हैं।
🥀ख - विद्यालय का भौतिक परिवेश इतना दयनीय था कि कक्षा कक्षों में टूटी खिड़कियां दरबाजे व आसपास ग्रामीणों का अतिक्रमण। कहीं भी बच्चों को खेलने और प्रार्थना करने की भी जगह नहीं थी।जब शिक्षा का माहौल बना और अभिभावकों के मन में विश्वास जगा तब सभी के सहयोग से आसपास की जगह पर से अतिक्रमण खुद वा खुद हटना शुरू हो गया और मेरे हौसलों को पर तब और लगे जब 2015 में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान श्री सत्येन्द्र पाल सिंह की साथ मिला। उन्होंने विद्यालय में भौतिक परिवेश सुधारने के लिए आपरेशन कायाकल्प से आकर्षक वाउन्ड्रीवाल, माडल शौचालय, इण्टरलाकिंग व मंच का निर्माण कराया। इसके अतिरिक्त हमने विद्यालय में आकर्षक ईको पार्क, किचिन गार्डन, खेल का मैदान, कक्षा कक्षों में सुन्दर पेन्टिंग, 8×4 के ग्रीन व व्हाइट बोर्ड, टी०एल०एम० पुस्तकालय आदि कि सुविधा युक्त विद्यालय जो कि अपने आप में जनपद के उत्कृष्ट विद्यालय में शामिल हुआ।







👉4- विद्यालय के प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियां:-
विद्यालय में नामांकन बढ़ने के साथ ही विद्यालय परिवार भी बढ़ा। सहायक अध्यापक श्री अरुण अग्रिहोत्री, श्री अनुपम यादव, अनुदेशक बीना व मोहित शर्मा आदि के अथक सहयोग और मनोयोग के कारण शिक्षण व्यवस्था और सुदृढ़ हुई। विद्यालय में बच्चों को कर के सीखो, आई०सी०टी आधारित शिक्षा, गतिविधियां, गणित विज्ञान लैब, मीना मंच आदि के माध्यम से रुचिकर व सरल प्रेरक शिक्षण कराया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों तो बच्चे बहुत ही उत्साहित रहते हैं। प्रत्येक अवसर चाहें वह राष्ट्रीय पर्व हो या ब्लाक स्तरीय, जिला स्तरीय प्रतियोगिता हो हमारे विद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपना जलवा बिखेरा है। खेल- कूद में भी प्रत्येक स्तर पर बच्चों का प्रयास सराहनीय रहता है।





















👉5-विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियां:-
🥀क- नामांकन विवरण:
प्रत्येक सत्र में कुछ इस तरह रहा विद्यालय में नामांकन
हमारे कार्यभार से पूर्व 2011-12 में कुल नामांकन- 25
कार्यभार ग्रहण के पश्चात नामांकन
2012-13 - 50
2013-14 - 75
2014-15 - 101
2015-16 - 121
2016-17 - 135
2017-18 - 153
2018-19 - 166
2019-20 - 180
🥀ख - उपस्थिति:
विद्यालय में नामांकन के साथ बच्चों की उपस्थिति सबसे बड़ी चुनौती होती है जिसके लिए शत् प्रतिशत उपस्थिति बाले बच्चों को पुरस्कृत कर उनके नाम प्रत्येक कक्षा में *star of the month* नोटिस बोर्ड पर अंकित किया जाता है। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति लगभग 80% तक रहती है। इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए प्रत्येक वार्षिकोत्सव पर वर्ष भर शत् प्रतिशत उपस्थिति, पर्यावरण प्रहरी, स्वच्छता मित्र, कला और सांस्कृतिक आदि में सहयोग व रुचि वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है।
🥀ग- पुरुस्कार व प्रतियोगी परीक्षाओं का विवरण:-
🥇विद्यालय का चयन‌ जनपद के उत्कृष्ट विद्यालय में होने के कारण 2017 में माननीय जिला अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया।
🏅2015 में ब्लाक स्तरीय व जिला स्तरीय विज्ञान मेले में निवन्ध, भाषण, कला व नाट्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
🏅2016 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान
🥇2017 में जिला विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में माडल, भाषण, निबन्ध, स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।
🏅2019 में ब्लाक स्तरीय दक्षता परीक्षा में पूरे ब्लाक में सर्वाधिक हमारे विद्यालय के चार बच्चों ने सफल हो विद्यालय का नाम रोशन किया।
🥇तत्पश्चात जिला स्तरीय दक्षता *परीक्षा* में हमारे विद्यालय के तीन बच्चों ने सफल हो विद्यालय का परचम लहराया। जिसमें श्रीमान जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी बच्चों को पुरस्कृत किया और साईकिल पुरस्कार के रूप में दी।
🏅2019 में ही राष्ट्रीय विज्ञान अविष्कार प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों ने ब्लाक में क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, कला व निबन्ध में में द्वितीय स्थान।
🏅जिला स्तरीय विज्ञान अविष्कार प्रतियोगिता में माडल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया।













👉6-शिक्षक और विद्यालय की उपलब्धियां:-
🎗️ उत्तर प्रदेश शासन‌ की आपरेशन कायाकल्प वेबसाइट पर विद्यालय प्रदेश के चुनिंदा विद्यालयों में शामिल।
🎗️ उत्कृष्ट विद्यालय और उत्कृष्ट शिक्षक के लिए जिलाधिकारी महोदय द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित।
🎗️ राज्य स्तरीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला में अपर शिक्षा निदेशक लखनऊ श्री मुवीन‌ अहमद द्वारा सम्मानित।
🎗️ मण्डलीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला बरेली में अपर शिक्षा निदेशक श्री के एन सिंह द्वारा सम्मानित।
🎗️ इसके अतिरिक्त हमारे समस्त विद्यालय परिवार को श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायूं द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
🎗️इस सत्र में विद्यालय स्टूडेंट्स पुलिस कैडिट योजना में चयनित।
🎗️मीना मंच में जिले के माडल मीना मंच में विद्यालय चयनित।






👉7- मिशन शिक्षण संवाद के लिए सन्देश:-
हमारी नजर में एक ऐसा मिशन जिसने शिक्षा और शिक्षण के क्षेत्र में आम लोगों के मन में बेसिक शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में नकारात्मक सोच को दूर कर इक ऐसी क्रान्ति जिसने शिक्षक, विद्यालयों और शिक्षण में गुणात्मक परिवर्तन कर सकारात्मक सोच पैदा की। हम मिशन शिक्षण संवाद और पूरी टीम का इस अभिनव प्रयास का हार्दिक अभिनन्दन व्यक्त करते हैं
और‌ अन्त में हमारा यही सन्देश है कि समस्या, चुनौतियों और आलोचनाओं से न घबरा के सामंजस्य स्थापित कर अपने लक्ष्य पर बिना रुके, बिना डिगे अपना कार्य करते रहना चाहिए। विद्यालय और‌ बच्चे हमारे आत्मा में सदैव बसे रहें।

साभार: सचिन सक्सेना बदायूँ

संकलन एवं सहयोग:
आशीष शुक्ला
टीम मिशन शिक्षण संवाद
09-04-2020

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