४३०~ रेखा शर्मा सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय सैदूपुर कुर्मियान, विकास क्षेत्र- बिथरी चैनपुर, बरेली

     🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बरेली से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन रेखा शर्मा जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से एक नवीन विद्यालय की शून्य से शुरूआत करते हुए आज विद्यालय को आकर्षक एवं सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं। 


आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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👉शिक्षक परिचय: रेखा शर्मा सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय सैदूपुर कुर्मियान, विकास क्षेत्र- बिथरी चैनपुर, बरेली
प्रथम नियुक्ति: 06-03-1997
वर्तमान नियुक्ति: 28-01-2008

👉समस्याएं: मैं जब इस विद्यालय में आयी तो विद्यालय बन रहा था।
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने मुझे ज्वाइन कराया जब तक विद्यालय पूरा हुआ, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के सहयोग से मैं घर घर जाकर सम्पर्क करने लगी। अभिभावकों को बताया कि अब आप के गाँव में उच्च प्राथमिक विद्यालय खुल गया है अब आप अपने बच्चों को इस विद्यालय नामांकित करायें।
अब तीन अध्यापक भी आ गए, अब शिक्षण कार्य तो आरम्भ हो गया, साथ नित नयी, समस्यायें भी सामने आने लगी। गाँव की महिलाएँ विद्यालय प्रांगण में उपले बनाती और अपने पशुओं बाधँती थी। हर सुबह एक नयी समस्या का सामना करने को मिला विद्यालय की चहारदीवारी नहीं थी, गाँव की बस्ती से बाहर विद्यालय के खेल का मैदान में बच्चे खेलते थे तो गाँव वाले झगड़ा करते थे कि उपले तोड़ दिये। विद्यालय प्रांगण में गाँव वालों का घूरा पड़ता था। नवीन विद्यालय होने के कारण साधन भी नहीं थे। कोई अभिलेख तथा अन्य अध्यापक भी नहीं थे। अकेले ही सब शुरू किया। मन में केवल एक जुनून, कि गाँव की बालिकाओं में शिक्षा की अलख जगानी हैं। जिस अभिभावक से सम्पर्क करती, तो एक ही उत्तर मिलता नहीं, हम कक्षा पाँच से आगे नहीं पढा़येगे। गाँव प्रधान से मिली तो ज्ञात हुआ की इस वर्ष तो नामांकन मुश्किल ही है।
परन्तु मैं ने हिम्मत नहीं हारी और प्राथमिक विद्यालय के कक्षा पाँच के उत्तीण छात्रों का नामांकन कर लिया और देखते ही देखते 30 सितम्बर तक 44 नामांकन हो गया।


👉 विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
🥀1- सर्वप्रथम हमने कक्षा़ओं को आकर्षित बनाने के लिए दीवारों पर विषयानुसार सहायक सामग्री का निर्माण किया।
🥀2- बच्चों को स्कूल में लाना और रोकना, इसके लिए बच्चों ने चित्रकला, रंगीली, पेपरक्राफ्ट और बेकार पड़ी वस्तुओं से सजावट का सामान, घड़े दीये पेंट करना, गृहशिल्प में सिलाई और कढ़ाई से कपड़े और मेज़पोश तैयार कराये।
🥀3- विज्ञान और गणित विषय को प्रयोग कराकर, माडँल के माध्यम से रोचकता से सिखाना।
🥀4- हर छोटे-बड़े कार्य में सबका पूर्ण सहयोग रहा है।



🥀5- विद्यालय के छात्र- छात्राओं की रूचि सांस्कृतिक कार्यकलापों में होने के कारण विद्यालय के विभिन्न आयोजनों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करके उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में सहयोग किया।
🥀6- मीना मंच की सुगमकर्ता होने का दायित्व का निर्वहन इस प्रकार किया - मीना मंच कक्ष का सुन्दरीकरण एवं हर शनिवार बैठक का आयोजन किया।
मीना की कहानियों को लैपटॉप के माध्यम से दिखाना, लघुनाटिका बच्चों द्वारा प्रस्तुत करना।
मीना जन्मोत्सव, मीना मेला का आयोजन एवं सचांलन करना।
🥀7- माह के अन्तिम शनिवार को अभिभावकों को आमंत्रित करना।
🥀8- मीना मंच के सत्र के आरम्भ में पावर एन्जिल की तीन दिवसीय प्रशिक्षण जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान फरीदपुर में कराना, सत्र का आरम्भ, मीना मंच के सदस्यों का चुनाव, चुनाव प्रक्रिया द्वारा कराना।
















🥀9- लिंगभेद, बालिका शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, संचारी रोग, स्कूल चलो अभियान आदि का रैली के माध्यम से जनमानस में जागरुकता फैलाना।
🥀10- योगासन, प्राणायाम, पीटी, प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता आदि के द्वारा बच्चों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद की।
🥀11- विद्यालय में एक पुस्तकालय की स्थापना करके बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
🥀12- ब्लाक स्तर एवं जिला स्तर के विभिन्न प्रशिक्षणों को प्राप्त करके अपने शिक्षण को बेहतरीन बनाने का कार्य किया जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है।
🥀13- हमारे विद्यालय के बच्चे न्याय पंचायत स्तर और ब्लाक स्तर पर खो- खो, कबड्डी, गोला और चक्का फेंक में हमेशा प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करते हैं।
🥀14- विज्ञान, गणित प्रतियोगिता में जिला स्तर, गणित के माडल और विज्ञान रंगोली प्रतियोगिता में विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला अधिकारी सर से भी पुरस्कार प्राप्त करते है।
🥀15- प्रतिवर्ष स्कूल में कक्षा आठ के बच्चों का विदाई कार्यक्रम में हम पूरे सत्र में 100% उपस्थिति,100% अंक प्राप्त करने वाले और विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों को पुरस्कृत करते हैं।
🥀16- सबसे अच्छी बात यह हमारे विद्यालय की चहारदीवारी बन गयी, गेट लग गया, हमारे पेड़-पौधे सुरक्षित है, खेल के लिए मैदान भी है, कायाकल्प के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा-कक्ष में टाइल्स और ग्रीन बोर्ड का लग गए, हमारा विद्यालय बहुत सुन्दर हैं हम शिक्षक तो बच्चों को सिखाते ही है हमारे बच्चे भी हमे बहुत कुछ सिखाते हैं। "सीखने की प्रक्रिया सतत् चलती रहती हैं।

👉मिशन शिक्षण संवाद परिवार को हमारा संदेश:-
यह एक ऐसा मंच है जहाँ हमें हर दिन कुछ नया सीखने को मिलता हैं ।नित नये-नये नवाचार करने का अवसर दिया। मैं मिशन शिक्षण संवाद परिवार की सदैव आभारी रहूंगी। जिसने मुझे सीखने और बच्चों के भविष्य को चमकाने का अवसर दिया।

👉शिक्षक समाज के लिए हमारा सुझाव व संदेश :-
मेरा सभी शिक्षकों के लिए सुझाव है कि यह बच्चे हमारे देश की धरोहर है इनको शिक्षा से संरक्षित करना है और नित्य नये नवाचार करते रहे। जिससे बच्चों के जीवन में उजाला फैले, दुनियाँ में हमारा देश बौद्धिक प्रतिभा का धनी बनकर चमके।
उपर्युक्त विवरण में भाषागत त्रुटि के लिए क्षमा चाहती हूँ।

सादर: रेखा शर्मा बरेली

संकलन एवं सहयोग:
रुपेन्द्र सिंह राठौर
मिशन शिक्षण संवाद बरेली
11-04-2020

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