४३४~ बृजेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिलखुन, विकास क्षेत्र- जलेसर जनपद- एटा
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- एटा से अनमोल रत्न शिक्षक भाई बृजेश कुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से न सिर्फ अपने विद्यालय को शिक्षण गतिविधियों का केन्द्र बनादिया है बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है। जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयास है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयासों को:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2623072327970348&id=1598220847122173
👉१- शिक्षक का परिचय:
बृजेश कुमार
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिलखुन, विकास क्षेत्र- जलेसर जनपद- एटा
प्रथम नियुक्ति-03/01/ 2006
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति-09/09/2011
👉२- विद्यालय की समस्याएं: ----
● विद्यालय प्रांगण में ग्रामीणों/अभिभावकों द्वारा अतिक्रमण।
● विद्यालय का भौतिक परिवेश अस्तव्यस्त।
● विद्यालय में शौचालय तथा किचन शेड का अभाव।
● विद्यालय में संसाधनों का पूर्ण अभाव।
👉३- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:
विद्यालय में समायोजन के तहत आने के बाद अकेला होने के बावजूद चुनौतियां बहुत ज्यादा थीं। लेकिन मेरे अडिग प्रयास से जल्द ही विद्यालय समाज में आदर्श विद्यालय का उदाहरण बन गया।
विद्यालय स्तर पर मेरे द्वारा निम्नलिखित प्रयास किये गये जो इस प्रकार हैं-------
🥀१- घर-घर जाकर व रैली के माध्यम से अभिभावकों के मध्य शिक्षा के महत्व का प्रचार-प्रसार किया गया। जिससे नामांकन में आशातीत वृद्धि हुई।
🥀२- विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन माइक व हारमोनियम द्वारा जिसमें स्वच्छता, देश-विदेश की खबरें तथा प्रेरक कहानी सुनाना। जिससे विद्यालय वातावरण रुचि पूर्ण हो गया।
🥀३- माह के अंत में मासिक टेस्ट तथा अधिक उपस्थिति वाले छात्रों को प्रोत्साहित करना।
🥀४- कहानी कविता तथा आईसीटी का शिक्षण में अधिकाधिक प्रयोग।
🥀५- विज्ञान के प्रत्येक प्रकरण को करके सीखने के पर्याप्त अवसर देना तथा प्रायोगिक सत्यापन।
🥀६- ग्राम प्रधान के सहयोग से शीघ्र किचन शेड तथा बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था जिससे बालक- बालिकाओं में संकोच तथा हीन भावना समाप्त हुई।
🥀७- शैक्षिक परिवेश को रुचिकर बनाने के लिए स्वयं के द्वारा पेंटिंग तथा विज्ञान टीएलएम जिससे पठन-पाठन में बच्चों की रुचि में वृद्धि हुई।
🥀८- शून्य निवेश नवाचार द्वारा विभिन्न विषयों के कठिन प्रकरणों का निवारण कर बच्चों की सीखने में सरलता।
🥀९- वैचारिक अभिव्यक्ति हेतु मंच पर बच्चों को बोलने के पर्याप्त अवसर दिए जाने से बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि।
🥀१०- बच्चों की रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता की वृद्धि के लिए नोवैग डे पर कला व क्राफ्ट कार्य।
👉मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश--------
सफलता निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है।
👉शिक्षक समाज के लिए संदेश------
कौन कहता है कि हाथों की लकीरों से सब होता है,
जिनके हाथ नहीं होते तो क्या उनकी तकदीर नहीं होती।
संकलन एवं सहयोग:
विकास मिश्र
मिशन शिक्षण संवाद
17-04-2020
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- एटा से अनमोल रत्न शिक्षक भाई बृजेश कुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से न सिर्फ अपने विद्यालय को शिक्षण गतिविधियों का केन्द्र बनादिया है बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बना दिया है। जो हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयास है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयासों को:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2623072327970348&id=1598220847122173
👉१- शिक्षक का परिचय:
बृजेश कुमार
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिलखुन, विकास क्षेत्र- जलेसर जनपद- एटा
प्रथम नियुक्ति-03/01/ 2006
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति-09/09/2011
👉२- विद्यालय की समस्याएं: ----
● विद्यालय प्रांगण में ग्रामीणों/अभिभावकों द्वारा अतिक्रमण।
● विद्यालय का भौतिक परिवेश अस्तव्यस्त।
● विद्यालय में शौचालय तथा किचन शेड का अभाव।
● विद्यालय में संसाधनों का पूर्ण अभाव।
👉३- विद्यालय की समस्याओं का समाधान:
विद्यालय में समायोजन के तहत आने के बाद अकेला होने के बावजूद चुनौतियां बहुत ज्यादा थीं। लेकिन मेरे अडिग प्रयास से जल्द ही विद्यालय समाज में आदर्श विद्यालय का उदाहरण बन गया।
विद्यालय स्तर पर मेरे द्वारा निम्नलिखित प्रयास किये गये जो इस प्रकार हैं-------
🥀१- घर-घर जाकर व रैली के माध्यम से अभिभावकों के मध्य शिक्षा के महत्व का प्रचार-प्रसार किया गया। जिससे नामांकन में आशातीत वृद्धि हुई।
🥀२- विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन माइक व हारमोनियम द्वारा जिसमें स्वच्छता, देश-विदेश की खबरें तथा प्रेरक कहानी सुनाना। जिससे विद्यालय वातावरण रुचि पूर्ण हो गया।
🥀३- माह के अंत में मासिक टेस्ट तथा अधिक उपस्थिति वाले छात्रों को प्रोत्साहित करना।
🥀४- कहानी कविता तथा आईसीटी का शिक्षण में अधिकाधिक प्रयोग।
🥀५- विज्ञान के प्रत्येक प्रकरण को करके सीखने के पर्याप्त अवसर देना तथा प्रायोगिक सत्यापन।
🥀६- ग्राम प्रधान के सहयोग से शीघ्र किचन शेड तथा बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था जिससे बालक- बालिकाओं में संकोच तथा हीन भावना समाप्त हुई।
🥀७- शैक्षिक परिवेश को रुचिकर बनाने के लिए स्वयं के द्वारा पेंटिंग तथा विज्ञान टीएलएम जिससे पठन-पाठन में बच्चों की रुचि में वृद्धि हुई।
🥀८- शून्य निवेश नवाचार द्वारा विभिन्न विषयों के कठिन प्रकरणों का निवारण कर बच्चों की सीखने में सरलता।
🥀९- वैचारिक अभिव्यक्ति हेतु मंच पर बच्चों को बोलने के पर्याप्त अवसर दिए जाने से बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि।
🥀१०- बच्चों की रचनात्मकता तथा सृजनात्मकता की वृद्धि के लिए नोवैग डे पर कला व क्राफ्ट कार्य।
👉मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश--------
सफलता निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है।
👉शिक्षक समाज के लिए संदेश------
कौन कहता है कि हाथों की लकीरों से सब होता है,
जिनके हाथ नहीं होते तो क्या उनकी तकदीर नहीं होती।
संकलन एवं सहयोग:
विकास मिश्र
मिशन शिक्षण संवाद
17-04-2020
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