हिंदी दिवस

हिंदी का यश गान करें हम, 

हिंदी का गुणगान करें हम। 

निज भाषा की उन्नति हेतु, 

हिंदी का आह्वान करें हम। 


हिंदी बोलचाल की भाषा, 

साहित्य जगत कवि कुल की आशा। 

प्रसाद, पंत और निराला, 

या हो माखन की अभिलाषा। 


भारतेंदु, महावीर और हजारी, 

हिंदी भाषा के गुण गाएँ।

गाँव गंवई की कथा सुनाकर, 

मुंशी प्रेमचंद हर्षाएँ।


हिंदी का संसार बड़ा है, 

हिंदी का आकार बड़ा है।

हिंदी को पहचान बनाकार, 

जग में हिन्दुस्तान खड़ा है‍। 


रचयिता

पंकज लता मिश्रा, 

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय छितौनी शाहपुर चगौना,

विकास खण्ड-अहिरौला,

जनपद-आजमगढ़।


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