सरल सहज मीठी हिन्दी

हिन्दी है प्रेम की भाषा

हिन्दी है मन की अभिलाषा


हिन्दी हृदय में प्रेम जगाती

सबको मिलकर रहना सिखलाती।।


हिन्दी है कवियों की वाणी

जन-जन के मन को हर्षाती


सबको बाँधे एक सूत्र में

हिन्दी राष्ट्रीय एकता को बढ़ाती।।


हिन्दी है देश की शान

हिन्दी से हम सब की पहचान


हिन्दी का सब करो सम्मान

हिन्दी से बनता राष्ट्र महान।।


हिन्दी है मीठी सी भाषा

हिन्दी है हर मन की आशा


हिन्दी है सबसे अनमोल

नहीं है कोई इसका मोल।।


हमारे देश की संस्कृति की

हिन्दी गौरव गाथा गाती


प्रेम, वात्सल्य की यह वाणी

हिन्दी अपनापन दिखलाती।।


तो आओ हम सब दुनिया के 

हर कोने में हिन्दी को पहुँचाएँ


हिन्दी को मिले सम्पूर्ण विश्व में सम्मान

इस ओर सब मिलकर कदम बढ़ाएँ।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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