वीर भगत सिंह

भेंट चढ़ा दी भरी जवानी,

कतरा-कतरा बहा दिया।

अपने जोश और जज्बे से,

फिरंगियों को हिला दिया।


पहन बसंती चोला तूने,

सिर पे कफ़न था बाँध लिया।

देश भक्ति का पी कर प्याला,

दुश्मन पे निशाना साध लिया।


इंकलाब के नारों से,

रण में कोहराम मचा दिया।

धूल चटा कर अंग्रेजों को,

आजादी का डंका बजा दिया।


भारत माँ की आजादी का,

आँखों में सपना सजा दिया।

ले सरफरोशी की तमन्ना,

खुद को फाँसी पर चढ़ा दिया।


है नमन तुझे ओ शूरवीर,

तुमने हम पर एहसान किया।

तोड़ गुलामी की जंजीरें,

भारत माँ को आजाद किया।


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।




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