मैथलीशरण गुप्त

हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि,

खड़ी बोली साहित्य के प्रसिद्ध कवि।

'दद्दा' नाम से वह जाने जाते थे,

'भारत भारती' थी उनकी प्रसिद्ध कृति।।


पवित्रता, नैतिकता नैतिक संबंधों पर,

रक्षा करने को लिखीं अनेक कविता।

पंचवटी, सिद्धराज, साकेत, यशोधरा आदि 

कालजयी हैं अनेक सर्वोच्च कविता।।


3 अगस्त सन 1886 में,

झाँसी जिले के चिरगाँव में जन्मे थे।

पिता सेठ रामशरण गुप्त और

माता काशीबाई के घर में थे।। 


आजादी का उभरता स्वर था,

'भारत भारती' कृति का लहर था।

'रंग में भंग' प्रथम काव्य संग्रह आया,

'राष्ट्रकवि' की संज्ञा गांधी जी से पाया।।


 सन 1953 में भारत सरकार ने,

'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया।

हिन्दू विश्वविद्यालय से डिलीट उपाधि मिला,

झाँसी में मानस मुद्रण प्रेस स्थापित किया।।


12 दिसम्बर सन 1964 को,

धरा पर अंतिम साँस लिया।

साहित्य की अमूल्य निधि ने,

राष्ट्र को अलविदा कह दिया।।


रचयिता

वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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