राखी का त्योहार

कच्चे सूत या रेशम के धागे

बहन भाई को प्यार से बाँध


तिथि पूर्णिमा, श्रावण मास

हर भाई आये बहन के पास


जो हो भाई कहीं  दूर विदेश

बहन भेजे उसे राखी विशेष


माथे पे तिलक अक्षत लगावे

बाँधकर राखी मिष्ठान खिलावे


बदले में न चाहे कोई उपहार

वो तो चाहे बस भाई का प्यार


जब निभाये भाई रक्षा का वचन

तभी सार्थक हो बहन का रक्षाबंधन॥


रचयिता

मनीषा सिंह,

सहायक अध्यापक,

कंपोजिट विद्यालय सुरेहरा,

विकास खण्ड-एत्मादपुर,

जनपद-आगरा।

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