महिला समानता दिवस

जिनके हाथों में सारे 

परिवार की डोर रहती है 

सींचती है हर रिश्ते को 

वो महिलायें ही होती हैं।।


जीवन को लाती धरती पर

शक्ति का अवतार होती है

हर पुरुष की कामयाबी के पीछे

एक महिला ही होती है।।


धरती से लेकर आसमान तक

वह नया इतिहास रचती है

हर चुनौती को पार करके

हर लक्ष्य को पूरा करती है।।


21वीं सदी में आकर भी फिर क्यों 

शोषण का शिकार बनती है

समानता का अधिकार पाने को 

फिर क्यों सिसकियाँ भरती है।।


समय आ गया अब तो जागो

महिलाओं का सम्मान करो

अस्तित्व तुम्हारा नारी से है 

इसको तुम स्वीकार करो।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।



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