अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस

बाघ जंगल में राजा सा घूमें,

आये नहीं ये किसी के हाथ।

यह तेज धावक कहलाये हैं, 

जंगल में होता इनका साथ।।


बलशाली पशु होता है बाघ,

भारत का राष्ट्रीय पशु है बाघ। 

काले, भूरे रंगों वाला यह होता,

गजब शिकारी कहलाता है बाघ।। 


बाघों की प्राकृतिक सुरक्षा हेतु,

संरक्षण मुद्दों पर सम्मेलन किया गया।

इनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये,

अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया।।


वर्ष 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में,

 29 जुलाई को, यह निर्णय लिया गया।

 23 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया,

बाघों की संख्या दूनी का लक्ष्य रखा गया।।


वर्ल्ड वाइड फंड के अनुसार,

पूरे विश्व में 3890 बचे हुए हैं।

2500 अकेले भारत में रहते, 

अस्तित्व को खतरा मंडरा रहे हैं।।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,

अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,

विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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