221/2024, बाल कहानी -03 दिसम्बर


बाल कहानी- ईमानदारी
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हर बात को बड़े गौर से सुनता है और उसे अपने जीवन में अपनाता है।
रोहन के माता-पिता रोहन से बहुत प्यार करते हैं। रोहन बहुत ही आज्ञाकारी है और हो भी क्यों न, वह अपनी दादी से रोज महापुरुषों की कहानी सुनता है। उसकी दादी उसे प्रतिदिन प्रेरक कहानियाँ सुनाती है।
एक दिन की बात है, वह स्कूल जा रहा था, तभी उसने देखा कि घर के बाहर रास्ते में एक व्यक्ति का पर्स गिर जाता है, जो पैसों से भरा हुआ था। वह व्यक्ति गाड़ी से आगे निकल जाता है। रोहन पर्स को उठाकर साइकिल से उस व्यक्ति का पीछा करता है और जल्दी ही उस व्यक्ति तक पहुँच जाता है।
रोहन तुरन्त आवाज लगाकर उस व्यक्ति को पर्स लौटता है। वह व्यक्ति रोहन को बहुत धन्यवाद देता है। वह रोहन की ईमानदारी की प्रशंसा भी करता है, लेकिन आज रोहन को स्कूल के लिए देर हो गयी थी। जब वह विद्यालय पहुँचता है तो अध्यापक देर से आने का कारण पूछते हैं, तब रोहन उन्हें सारी घटना बता देता है। सभी अध्यापक और बच्चे उसकी बड़ाई करते हैं। जब यह बात अन्य अध्यापकों को पता चलती है तो वह रोहन की ईमानदारी को परखने की सोचते हैं। छुट्टी होने पर वे रोहन की कॉपी में पाँच सौ के नोट रख देते हैं।
घर जाकर जब वह कॉपी खोलता है तो वह उसमें रखे नोट देखता है। अगले दिन विद्यालय आकर वह उन नोटों को अपने प्रधानाध्यापक को दे देता है, जिससे सभी अध्यापक समझ जाते हैं कि रोहन बहुत ही ईमानदार है। अब तो रोहन की प्रशंसा चारों होती है। रोहन के साथ-साथ उसके परिवार का भी नाम रोशन होता है।

#संस्कार_सन्देश -
हमें सदा ईमानदार रहना चाहिए और नैतिक गुणों को अपनाना चाहिए। ईमानदार व्यक्ति की हर जगह प्रशंसा होती है

कहानीकार-
#मृदुला_वर्मा (स०अ०)
प्रा० वि० अमरौधा प्रथम
अमरौधा (कानपुर देहात)

कहानी वाचन- 
#नीलम_भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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