१७६- अमृता सिंह सोनभद्र

◆संकल्प की शक्ति◆
जी हाँ, मित्रों आज हम आपका परिचय जनपद- सोनभद्र से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षिका बहन अमृता सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच एवं व्यवहार कुशलता की शक्ति से न केवल विद्यालय की दशा सुधारी बल्कि उसे एवं समाज को विद्यालय होने का एहसास कराते हुए शिखर की ओर अग्रसर कर दिखाया। जो हम जैसे हजारों शिक्षकों के लिए अनुकरणीय एवं बेसिक शिक्षा की असहयोगी व्यवस्था के बीच बेसिक शिक्षा के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। 
तो आइए देखते हैं अनमोल रत्नों के अनमोल एवं सराहनीय प्रयासों को;--


बेसिक शिक्षा परिषद सोंनभद्र द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय ओड़हथा जिला कार्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर रॉबर्ट्सगंज घोरावल रोड पर शाहगंज के पास के गांव ओड़हथा में है जो अभी हाल में ही जिलाधिकारी सोनभद्र श्री प्रमोद कुमार उपाध्याय के औचक निरीक्षण के बाद काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बतौर प्रधानाध्यापिका श्रीमती अमृता सिंह ने जब इस विद्यालय पर 2016 में यह सोंचकर नियुक्ति ली कि यह शाहगंज जैसे विकसित क्षेत्र के पास है उन्हें विद्यालय पहुंच कर निराशा ही हांथ लगी। एक तो बच्चों का नामांकन कम उसपर बच्चे अनियमित । विद्यालय बाउंड्री विहीन और मैदान मिट्टी का उबड़ खाबड़ टीला। अभी कार्यभार सम्हाले कुछ ही समय बीता था कि मात्र 26% बच्चों की उपस्थिति के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी की ओर से कारण बताओ नोटिस मिल गया। बहरहाल जिलाधिकारी को वास्तविक स्थिति को से अवगत  कराते हुए शीघ्र ही सकारात्मक परिवर्तन का आश्वासन दिया।
सोमवार 9 अक्टूबर को वर्तमान जिलाधिकारी जो उच्चप्राथमिक विद्यालय ढुटेर पर गणित और विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन करने आये थे अपने लाव लश्कर के साथ ओड़हथा गाँव का दौरा करने पहुंच गए । रास्ते में प्राथमिक विद्यालय का भवन देखकर अपनी गाड़ी रुकवा दी। एक भी बच्चे दिख नहीं रहे थे ऊपर से गेट पर अंदर से ताला लटक रहा था। आवाज लगाने पर, अध्यापिकाएं कक्षाओं से बाहर निकली । ताला बंद करने का कारण पूछा गया तो पता चला सड़क पर वाहनों का आवागमन होने के कारण दुर्घटना घटित हो सकती है इसलिए ताला बंद रखा गया है। आश्चर्य की सीमा तो तब न रही जब अंदर जाने पर पता चला सभी बच्चे अपनी अपनी कक्षाओं में व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से पढ़ रहे हैं।
‌बच्चों की उपस्थिति 156 नामांकन के सापेक्ष 126 थी। वास्तव में श्रीमती अमृता सिंह ने अपने दिए हुए आश्वासन को पूरा ही नही बल्कि उससे भी आगे का कार्य किया था। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों, गांव के लोंगों और प्रधान श्री भोलानाथ पटेल से सम्पर्क करके विद्यालय के भौति परिवेश को सुधारा और उनके बच्चों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने का वादा किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि शाहगंज में कुकुरमुत्ते की तरह खुले तथाकथित अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों से बच्चों का नाम कटवाकर सरकारी प्राथमिक विद्यालय ओड़हथा में नामांकन करवा दिया। इस वर्ष कक्षा 1 में 61 बच्चों का नामांकन हुआ और कक्षा 2 में संख्या 40 बच्चो  तक पहुंच गई है। आस पास के लोग यहाँ की पढ़ाई की गुणवत्ता देखकर अपने पाल्यों का नामांकन इस विद्यालय में करवाना चाहते हैं। लेकिन शिक्षकों की संख्या पूर्ण न होने के कारण उन्हें लौटना पड़ जा रहा है। विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ अन्य पाठ सहगामी क्रियाकलाप नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं जिसमे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। सहायक अध्यापिका श्रीमती नुसरत फातिमा भी अपने प्रधानाध्यापिका से कदम से कदम मिलाकर उनकी योजनाओं को सफल बनाने में सहयोग देती है। अपने बच्चों को मूल्यपरक शिक्षा पाता देख अभिभावक विद्यालय से सन्तुष्ट हैं और विद्यालय के क्रियाकलापों में सहयोग देने के लिए तत्पर रहते है।
साभार:-
अमृता सिंह
प्रा वि ओड़हथा ,सोनभद्र
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मित्रों आपने देखा कि किसी भी विद्यालय के आदर्श संचालन में सबसे बड़ी भूमिका अभिभावक और अध्यापक के बीच शैक्षणिक विश्वास की है। जो शायद न हमारी सरकारें समझना चाहती है, न ही शासन हो उन पर भरोसा है और न ही हमारे कुछ शिक्षक साथियों को आपसी विश्वास की शक्ति पता है। जिससे लगातार बेसिक शिक्षा में एक प्रयोगवादी नीति अपना कर अध्यापक और अभिभावक के बीच विश्वास की डोर कमजोर होती चली जा रही है।
बेसिक शिक्षा में विश्वास की शक्ति को प्रमाणित करने लिए भाई जी   एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को मिशन शिक्षण संवाद की ओर उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
12/10/2017

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