हमारा धर्म है शिक्षा

हम शिक्षक हैं, हमारा धर्म है शिक्षा।
हमारी पहचान बच्चे हमारा कर्म दीक्षा।
शिक्षा की पहचान है शिक्षक।
गुणवत्ता के वाहक हैं हम शिक्षक।।
आइये मिलकर करें प्रयास हम सभी।
शिक्षा की उन्नति हो पाएगी तभी।
हमारा मिशन हो शिक्षण,
हमारा विजन हो शिक्षण ।।
हम सभी का कर्म हो संवाद शिक्षण।
हमारा ईमान हो अपना शिक्षण।।
हम सभी शिक्षकों का नवाचार हो शिक्षण ।
हम सभी का विचार हो शिक्षण।।
हम अपने बेसिक शिक्षा का रूपांतरण कर देंगे।
देशभक्ति की भावनाएँ अंतःकरण में भर देंगे।।
हम सभी शिक्षा के वाहक अब ये संकल्प लेंगे।
अपने स्कूली शिक्षा के गुणवत्ता का लक्ष्य पा लेंगे।।
अपने बच्चों के भाग्य विधाता शिक्षक हर बात में प्रथम।
आइये मिलकर करें प्रयास, उनका भाग्य बदल दें हम।।
हम अपने बेसिक की तस्वीर व तक़दीर बदल देंगे दोस्तों।
जिस दिन हम सभी ने यह मान व ठान लिया दोस्तों।।
उस दिन हम सभी सोने यू पी में यह काम कर लेंगे।
बेसिक शिक्षा की आन, बान शान व मुकाम पा लेंगे।।
हम सभी की पहचान है बच्चे ,हमारा धर्म हो शिक्षा।
हमारा कर्म हो शिक्षा, हमारा ईमान हो शिक्षा।
हमारी पहचान ही शिक्षा, हमारी आत्मा हो शिक्षा।
हमारा नवाचार हो शिक्षा, प्रभु हमको सीखा देना।।

रचयिता
डॉ0 श्रवण कुमार गुप्त,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहली विनायक,
विकास खण्ड - सेवापुरी,
जनपद - वाराणसी।

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