मुस्कान

जब तक तन में ये जान रहे,

होंठों पे सदा मुस्कान रहे।


चाहे संकट आँख दिखाए हमें,

चाहे हर पल खूब डराए हमें।

गम मिटेंगे एक दिन भान रहे,

होंठों पे सदा मुस्कान रहे।


सफलताओं ने मुँह मोड़ा हो,

सपनों को हमारे तोड़ा हो।

पर लक्ष्य पे अपना ध्यान रहे,

होंठों पे सदा मुस्कान रहे।


लाचारी यदि सताए हमें,

बेबसी भी यदि चिड़ाए हमें।

फिर भी खुद पर अभिमान रहे,

होंठों पे सदा मुस्कान रहे।


भय तृष्णा यदि रिझाए हमें,

लालच भी पास बुलाए हमें।

पर दिल में सदा ईमान रहे,

होंठों पे सदा मुस्कान रहे।


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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