गुरूवर

गुरूवर तेरे चरणों की,

पग धूल जो मिल जाए।

सच कहते हैं गुरु जी,

जीवन ये सँवर जाए।


घनघोर अंधेरे हैं, 

अज्ञान के डेरे हैं।

डर लागे है हमको,

मनवा भी घबराए।

गुरूवर तेरे चरणों की.....


दुर्गुण हमें घेरे हैं,

पापों के बसेरे हैं।

लालच के शिकंजे में,

मानव ना फँस जाए।

गुरूवर तेरे चरणों की.....


कृपा करो गुरुवर,

वर ज्ञान दे जाओ।

मिले रहमत जो तेरी,

किस्मत ये बदल जाए।

गुरूवर तेरे चरणों की.....


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।

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