स्कूल जाने दो

इस चमन में  खुशबू महक जाने दो

अब मुझे मम्मी जी स्कूल जाने दो।।


पढ़  के  मै  भी  मम्मी नाम करूँगा

मुझको  भी  पढ़ के सँवर जाने दो।।


हर  बुराई  मिटती  है  पढ़ने से अब

मुझे शिक्षा का ऐसे दीप जलाने दो।।


मिलती  सबको  सुविधाएँ भी खूब

मुफ़्त में ही लाभ ये मुझको पाने दो।।


ज़िन्दगी  में  खुशियाँ  तुझको भी दूँ

देश के लिए मुझे कुछ बन जाने दो।।


बनता है कोई हिन्दू-मुस्लिम बनता है

मुझको तुम इंसान ही बन जाने दो।।


मै भी पढ़ लिख कर तरक्की करूँगा

मुझको इस साल से स्कूल जाने दो।।


रचयिता
आकिब जावेद,
सहायक अध्यापक,
अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल उमरेहण्डा,
विकास खण्ड-बिसंडा,
जनपद-बाँदा।



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