विद्यालय खुल गए

बहुत मनाई छुट्टी चलो अब स्कूल चलो,

बहुत किया आराम चलो अब स्कूल चलो।


ननिहाल गए बच्चों को फोन करके बुलाना है,

खेत खलिहान गए बच्चों को पकड़ कर लाना है।


नव प्रवेशी बच्चों को विद्यालय का बनाना है,

उन्हें पढ़ाना, लिखाना और बहुत समझाना है।


पिछले सत्र के शेष कार्य को इस सत्र में पूरे करना है,

गीत, खेल, कहानी के द्वारा कमजोर बच्चों को प्रखर बनाना है।


जीवन में किताबें उपयोगी हैं यह ज्ञान कराना है,

बन सकें अच्छे नागरिक शिष्टाचार सिखाना है।


रचयिता

संगीता गौतम जयाश्री,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐमा,

विकास खण्ड-सरसौल,

जनपद-कानपुर नगर।



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