सर्दी का स्वागत
मौसम ने ली है अंगड़ाई,
खोलो बक्से, निकालो रजाई।
धूप दिखाओ, इन्हें सुखाओ
झाड़ पोछ कर लिहाफ चढ़ाओ
स्वेटर, मोजे और ऊनी टोपे
अब ये तुम्हारे साथी होंगे
घर की करो रंगाई-पुताई,
जालों की भी करो सफाई।
कूलर, पंखा ना चलाओ तेज
ठंडी चीजों से करो परहेज।
बंद करो अब खाना कुल्फी
गरम चाय की ले लो चुस्की
सूरज भी जल्दी छुप जाएगा
फिर कल सुबह देर से आएगा
दिन होंगे छोटे और रातें लंबी
बच्चों आ गयी है ठंडी।।
रचयिता
मनीषा सिंह,
सहायक अध्यापक,
कंपोजिट विद्यालय सुरेहरा,
विकास खण्ड-एत्मादपुर,
जनपद-आगरा।
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