१७७- हरिओम सिंह प्राथमिक विद्यालय पेरई, नेवादा, कौशाम्बी

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- कौशाम्बी से बेसिक शिक्षा के  प्राथमिक विद्यालय पेरई,नेवादा के अनमोल रत्न भाई हरिओम सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच से अपने विद्यालय को शून्य से शिखर तक पहुँचाते हुए विद्यालय के बच्चों को आकाश मार्ग की सैर करा दी। जो हम सब के लिए अनुकरणीय और प्रेरक है।
तो आइए जानते हैे “*कोशिश एक बदलाव की*”


प्रा०वि० पेरई विकास क्षेत्र-नेवादा जनपद- कौशाम्बी।
जिला कार्यालय से लगभग 25 किमी की दूरी पर तिल्हापुर मोड़ एक छोटे तिराहे पर स्थित है जहाँ पर एक छोटी सी बाजार भी लगती है। जहाँ पर मैं बतौर प्र०अ० के रूप में अगस्त 2008 में कार्य भार सम्भाला तो विद्यालय में मुझे बड़ी निराशा लगी तथा मुझे लगा कि मुझे बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और ऐसा सोचकर मैनें सबसे पहले विद्यालय की प्रमुख समस्याओं को चिन्हित करनें का काम किया। जिसके तहत मैनें प्रमुख समस्याओं के रूप में :--
1-विद्यालय परिवेश बहुत ही गन्दा, विद्यालय में वाउन्ड्रीवाल का निर्माण विवाद के कारण काफी दिनों से नहीं हो पा रहा था तथा लोग विद्यालय के चारों तरफ गोबर फेकनें के गड्ढे बनाकर गोबर फेका करते थे।
2-विद्यालय के कमरों की फर्श टूटी-फूटी तथा कमरे आकर्षण विहीन थे।
3-छोटा कस्बा होनें के कारण गाँव परिसर में प्राईवेट विद्यालय होनें की वजह से छात्रों का विद्यालय में नामांकन की समस्या तथा साथ ही साथ छात्रों का विद्यालय में नामांकन करानें के बाद विद्यालय से गायब हो जाना।
4-विद्यालय का शैक्षिक लेवल काफी न्यून था।
5-विद्यालय समितियों का विद्यालय  सहयोग के प्रति शून्य सहभागिता।
6-नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति का न्यून होना।
इन सब समस्याओं को देखकर मुझे लगा कि ये मेरे लिए एक बहुत बडी़ चुनौती है। फिर मैनें
अपने आपको प्रेरणा हरिवंश राय बच्चन जी की कविता *कोशिश करनें वालों की कभी हार नहीं होती* से ली तथा "एक कोशिश बदलाव की" को मन में ठानकर और प्रयास शुरू किया।
   सबसे पहले मैनें ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष सहित एक- एक सदस्य के घर जाकर विद्यालय के प्रति प्रेरित किया फिर उन लोगों से सम्पर्क करके और बातचीत का शिलशिला चालू किया। जो लोग विद्यालय के चारों ओर गड्ढा बनाकर और गोबर डालते थे उन्हें समझानें में समय लगा लेकिन धीरे-धीरे लोगों के बातें समझ में आयी और लोग धीरे-धीरे विद्यालय परिसर में गड्ढा करके गोबर डालना बन्द कर दिये। फिर धीरे-धीरे परिसर की साफ सफाई का शिलशिला चलाया जिसके तहत मैनें अपनें दोनों रसोइया तथा दोनों शिक्षक  शिक्षामित्रों को जिम्मेदारी दी कि विद्यालय साफ सुथरा बनाने में सहयोग करें जिसमें मुझे पूरा सहयोग मिला फिर मैनें ग्रामप्रधान जी को वाउन्ड्रीवाल निर्माण हेतु प्रेरित किया जिससे वह प्रेरित हुए और ग्राम सभा के माध्यम से विद्यालय में वाउन्ड्रीवाल का निर्माण कराया गया।  केवल इतना ही नहीं बल्कि समय-समय पर समिति तथा गाँव के सम्मानित अभिभावकों का भी भरपूर सहयोग मिलना शुरू हो गया जिसका अवलोकन पूर्व उप जिला अधिकारी महोदय चायल जी द्वारा महिला मतदाताओं को शपथग्रहण के समय तथा स्कूल चलो अभियान की बैठक के समय पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय श्री डी यस यादव जी द्वारा मौके पर उपस्थित होकर किया गया। इसके उपरान्त विद्यालय में नामांकन दर में पर्याप्त वृद्घि होनें लगी। चूँकि मेरे विद्यालय के इर्द-गिर्द चार-पॉच विद्यालय मान्यता प्राप्त होनें के कारण बच्चे कुछ दिन विद्यालय में रहनें के उपरान्त विद्यालय छोड़  कर दूसरे विद्यालयों की ओर मुँह कर लेते थे। केवल इतना ही नहीं बल्कि जितने बच्चों का नामांकन हुआ करता था उसमें से बहुत से बच्चे अनियमित स्कूल आते थे कुछ बच्चे स्कूल आते ही नहीं थे केवल यदा-कदा ही आते थे। इस दिशा प्रयास करते हुए सबसे पहले उन बच्चों को चिन्हित करके तथा उनके अभिभावकों से बात करके प्रेरित करनें का काम शुरू किया। साथ ही साथ विद्यालय में विभिन्न नवाचारी प्रयासों को शुरू करनें का प्रयास किया। जिन्हें हमने अपने विद्यालय की परिस्थितियों के आधार पर स्वंय मूल्यांकन करके तैयार किया। जैसे विद्यालय में नामांकन हेतु स्कूल चलो अभियान के तहत रैली तथा अभिभावकों के साथ बैठक के साथ-साथ विद्यालय के विभिन्न अवसरों पर उनके अभिभावकों को बुलाकर सम्मानित करनें का काम तथा साथ ही साथ विद्यालय के परिवेश की साफ-सफाई तथा शौंचालय की साफ-सफाई एवं विद्यालय में मरम्मत कार्य के साथ- साथ आकर्षक ढ़ग से रंगाई-पुताई एवं हर कक्षा- कक्ष की दीवालों पर विषयोपयोगी आकर्षक टीएलएम पेन्टिंग का कार्य तथा विद्यालय परिसर में आकर्षक क्यारियों के साथ रंग-बिरंगे फूल तथा मनमोहक वृक्ष लगाये गये तथा ब्लैकबोर्ड को एवं ऑफिस को बहुत ही कलात्मक  ढंग से सजावट का कार्य किया गया तथा सजावट का कार्य करनें के साथ ही साथ विद्यालय के बच्चों में भी अपनें विद्यालय की अलग पहिचान बनाते हुए बच्चों को दो सेट ड्रेस के साथ-साथ अपनें स्कूल की टाई,  बेल्ट, आईकार्ड, इत्यादि सामग्री प्रत्येक बच्चे के लिए विद्यालय की तरफ से मुफ्त उपलब्धता एवं विद्यालय में विभिन्न नवाचारी गतिविधियाँ जैसे माह के अन्तिम शनिवार के दिन विद्यार्थी जनमोत्सव, टोकन बाटो ईनाम पाओ, स्वागत समारोह का आयोजन, नामांकन मेला, विदाई समारोह, प्रवेश उत्सव, कक्षाटोकन प्रभारी, हाउस के आधार पर कक्षावार बच्चों का बॅटवारा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस का आयोजन, हस्तशिल्प एवं क्राफ्ट निर्माण के साथ शिक्षा,कौन बनेगा विद्वान, INDOOR गेम तथा OUTDOOR गेम, आज का विचार लेखन, सुबह माँ सरस्वती पूजन के साथ-साथ ड्रम के माध्यम से पीटी प्रार्थना, स्पोर्ट्स डे का आयोजन, बाल अखबार का प्रकाशन, विभिन्न दिवसों एवं त्योहारों के साथ बच्चों  को परिचित कराते हुए मनाना, स्टार आफ द वीक, स्टार आफ द मन्थ खेल-खेल में शिक्षा के तहत खेल के साथ शिक्षा, विभिन्न आकर्षक टी एल एम निर्माण के साथ-साथ शिक्षण कार्य, समय-समय पर चलाये गये विभिन्न प्रोग्रामों के तहत जैसे (मतदाता जागरूगता अभियान, मतदाता दिवस, पल्सपोलियो  दिवस, वजन दिवस,  स्वाच्छता पखवाड़ा, स्वाच्छता ही सेवा है एवं ब्लाक तथा जिलास्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में बच्चों का प्रतिभाग करना) इत्यादि कार्यक्रमों में बच्चों के साथ सक्रिय सहभागिता करते हुए आयोजन, लैपटाप के माध्यम से शिक्षा, कम्प्युटर शिक्षा, एवं विभिन्न विज्ञान के सरल प्रयोग, बालक्राफ्ट प्रदर्शनी का आयोजन, योग की कार्यशाला का आयोजन, स्वास्थ्य एवं स्वाच्छता समिति का गठन, बाल स्वाच्छता पुरस्कार, निगरानी समिति, बालसंसद, एवं विद्यालय की बेबसाइड निर्माण जिस पर विद्यालय में होनें वाली विभिन्न नवाचारी गतिविधियों किसी भी समय Online देखा जा  सकता है तथा  केवल इतना ही नहीं  बच्चे अपनें दाखिले हेतु आवेदन भी Online कर सकतें तथा रसोइया भी फार्म- विज्ञापन निकलनें पर Online आवेदन फार्म भर सकतीं हैं इत्यादि जैसी विभिन्न नवाचारी गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर किया गया जिसके परिणाम स्वरूप बच्चों  के अन्दर विद्यालय के प्रति झुकाव में वृद्घि होनें लगी तथा बच्चे नियमित स्कूल आनें हेतु प्रेरित होनें लगे एवं केवल इतना ही नहीं बल्कि वे अपने साथ-साथ अन्य बच्चों को भी विद्यालय में नाम लिखवानें तथा पढ़नें हेतु प्रेरित करनें लगे केवल इतना ही नहीं बल्कि आज बच्चों के अभिभावक कान्वेंट स्कूल से  नाम कटवा कर मेरे विद्यालय में लिखवा रहें है मेरे इन सभी कार्यों का अवलोकन विभिन्न अधिकारी गणों द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा जिसके तहत मेरे स्कूल में  बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक श्री दिनेश चन्द्र कनौजिया जी द्वारा विद्यालय अवलोकन के साथ-साथ बच्चों के बीच बैठकर विद्यालय में बनाये गये एम डी एम  को भी खाया गया था एवं  एम डी एम निदेशक माया निरंजन जी, पूर्व एडी बेशिक श्री रामशरन जी एवं श्री रमेश तिवारी जी, एवं पूर्व के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदयों द्वारा समय-समय पर आकर किया गया। मेरे इन सभी कार्यो  एवं प्रयासों को देखते हुए माननीय जिलाधिकारी कौशाम्बी महोदय जी द्वारा 15 अगस्त 17 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत  प्रशंसा पत्र तथा उत्कृष्ट कार्यों के लिए 5 सितम्बर 17 को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस प्रकार आज मेरे स्कूल के बच्चों की स्थिति काफी अच्छी होनें के साथ-साथ 80-90 प्रतिशत उपस्थित के साथ नियमित विद्यालय में उपस्थिति तथा विभिन्न अवसरों पर विद्यालय तथा जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता रहती है और इसी के तहत मेरे विद्यालय के बच्चों ने मा० विधायक चायल श्री संजय गुप्ता जी के जन्मदिन के अवसर पर हेलीकाप्टर की यात्रा तथा जिलास्तरीय दीपावली मेला में प्रतिभाग किया एवं बच्चों के साथ मिलकर खण्ड विकास अधिकारी नेवादा महोदय जी द्वारा बच्चों के साथ बालचौपाल लगाकर बच्चों से बातचीत भी  किया गया जिसमें बच्चों नें अपनी सक्रिय भूमिका के साथ सहभागिता किया और शैक्षिक स्तर में काफी परिवर्तन है बहुत से मेरे बच्चों को 30 तक पहाडा़ मौखिक याद है केवल इतना ही नहीं बल्कि कुछ बच्चे अग्रेजी में बात करनें के साथ-साथ वे 99 तक का भी पहाड़ा लिखकर और पढ़कर सुना देनें हेतु तैयार हैं।
हरिओम सिंह (प्र०अ०)
प्रा० वि० पेरई,नेवादा, कौशाम्बी
मिशन शिक्षण संवाद कौशाम्बी
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से समस्त पेरई प्राथमिक विद्यालय और टीम कौशाम्बी को हार्दिक शुभकामनाएं!
 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
      _बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
 
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
05/11/2017

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