नये वर्ष का नया सवेरा

तर्ज - तुम्हारी नजरों में हमने.......

नये वर्ष का नया सवेरा,
कहे ये सबसे पुकार करके,
बनाओ अपना भविष्य उज्जवल,
उठो खडे हो हुंकार भरकर।
   नये हों संकल्प नये विकल्प हों,
   हौसले हों बुलंद अपने,
   परे हों परिणाम कल्पना से,
   रहे ये जीवन मिसाल बनकर।
हो स्वच्छ अपना ये देश प्यारा,
फैलाएँ संदेश ये जन-जन तक,
दूर हो गंदगी मन से सभी के,
फिर गीत गाएँ, जन गण मन के।
     न आवें बहकावे में किसी के,
     निर्णय लें अपने विचार करके,
     बढे देश में भाईचारा,
     न फैलें दंगे भयावह बनकर।
अमन हो कायम वतन मे अपने,
हृदय हों अपने विशाल इतने,
सभी धर्मों का करें हम आदर,
रहे ये भारत महान बनकर।
    बनें नागरिक स्वस्थ और शिक्षित
   हों स्वस्थ अपने विचार इतने,
   भला ही सोचें सदा सभी का,
   नयी हों आशाएँ जिंदगी में।
सभी को हैं शुभकामनाएँ मेरी,
फलक पे चमके सितारे बनकर,
न आएँ पल भर कष्ट जिंदगी में,
महके ये जीवन बहार बनकर।
    नये वर्ष का नया सवेरा.....

रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।

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