सूर्यग्रहण

एक दिन बोले चन्दू भैया,
क्या होता ये सूर्यग्रहण है?
कौन है जो सूरज को ढकता,
कैसे नहीं हमें वो दिखता?
मम्मी कहतीं अन्दर रहना,
सूरज को भी नहीं देखना।
अरे कोई तो हमें बताओ,
कैसे बूझें ये पहेली बताओ?
प्यारे बच्चों सब मिल आएँ,
सूर्यग्रहण को हम समझाएँ।
मैम ये बोली बच्चों से जब,
खिले सभी के चेहरे थे तब।
बच्चों पहले हम ये जानें,
क्या हैं सूर्य चाँद और तारे?
सूर्य एक चमकीला तारा,
सौरमण्डल परिवार में न्यारा।
पृथ्वी और सात ग्रह काटें चक्कर,
सूरज की कक्षा में जमकर।
चंदा मामा एक उपग्रह,
पृथ्वी के जो मारे चक्कर।
इसी दौड जब चंदा मामा,
सूरज धरा के बीच में आते।
चंदा की छाया पडती पृथ्वी पर,
यही तो बच्चों सूर्यग्रहण है।
तीन तरह का होता सूर्यग्रहण
आओ बच्चों अब ये जानें
चाँद की छाया पूरी पृथ्वी पर
यह ही बच्चों पूर्णग्रहण है
आंशिक चन्द्रछाया पड़े पृथ्वी पर
तब बच्चों ये आंशिक ग्रहण है
मध्य भाग जब ढके सूर्य को
तब होता वलयाकार ग्रहण है
डरना क्या है इससे बच्चों
ये तो प्रकृति का अटल नियम है
ध्यान रखो बस सूर्यग्रहण को,
नंगी आँख कभी मत देखो।
देखना ही हो तो बड़ों के संग में,
बस एक खास चश्मे से देखो।

रचयिता
नीलम गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
मॉ. इ. मा. कम्पोजिट विद्यालय गोयना,
विकास खण्ड-हापुड़,
जनपद-हापुड़।

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