शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ

शिक्षक हूँ ,मैं शिक्षक हूँ !!!!
हाँ,  मैं  एक  शिक्षक हूँ !!!!
शिक्षा देना मेरा काम....
चाहे छाँव हो या हो घाम
शिक्षक हूँ, मैं शिक्षक हूँ !!!!
हाँ,  मैं  एक  शिक्षक हूँ !!!!

ज्ञान भंडार को अपने खर्चता हूँ ,
जो नित - नित बढता जाये ....
ज्ञान को इतना फ़ैलाता हूँ ....
ताकि अज्ञान अंधेरा मिटता जाये .....
शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ !!!!
हाँ, मैं एक शिक्षक  हूँ  !!!!

प्यारे बच्चों  से रोज़ मिलना होता ....
नहीं किसी से करना हमको समझौता ....
है ये हमारे रिश्तेदार निराले ....
नटखट इनकी हरकते ,अनमोल बोल वाले.....
शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ !!!!
हाँ, मैं एक शिक्षक  हूँ  !!!!

भगवान के ये स्वरूप हमको खूब भाते....
इनसे ही अस्तित्व हमारा....
नहीं तो ,हम शिक्षक कैसे कहलाते....?
बच्चे ही शिक्षक का गुणगान गाते....
शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ !!!!
हाँ, मैं एक शिक्षक हूँ  !!!!

रचयिता
सबीना साहनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय घुराट,
विकास क्षेत्र - गुरसराय
जनपद-झाँसी

Comments

Total Pageviews